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27 May 2023 · 1 min read

मेरा दिल दुखा तो है तुम्हारी बातों से ,

मेरा दिल दुखा तो है तुम्हारी बातों से ,
अश्क भी बहे है ,कुछ तो इन आँखों से ll

न सीखा दो तरफ़ा बातों का हुनर हमने ,
ज़ुबा कह रही है वही सुनोगे इन साँसों से ll

देखकर मुझको कोई राय कायम न करो ,
उतर जायेंगे दिल मैं, जब तारुफ़ होगा एहसासों से ll

फूल सा दिल है,तुम भी मह्कोगे खुशबू से ,
दर्द भी होगा, जो उलझोगे इसके कांटो से ll

बहुत नाज़ुक दिल रखते है हम “रत्न”,
दर्द होता है, इनमे चुभी बातों की फासों से ll

शिकायते की देखते है उनको महफ़िल मैं ,
कीमत बढ़ा दी आपकी, गुनाह हुआ आँखों से ll

तुम सब खिलाडी हो,हम न खेल पाएंगे रिश्तो मैं ,
हमको दूर ही रहने दो, इस खेल की शह और मातो से ll

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