#मुक्तक
#मुक्तक
■ विकास प्राथमिक नहीं द्वितीयक है। सर्वोपरि है शांति, जिसके बिना विकास का कोई स्वाद नहीं। मेरा मानना है कि अमन है तो ही वतन चमन है और उसी को मन से नमन् है।
■प्रणय प्रभात■
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■ विकास प्राथमिक नहीं द्वितीयक है। सर्वोपरि है शांति, जिसके बिना विकास का कोई स्वाद नहीं। मेरा मानना है कि अमन है तो ही वतन चमन है और उसी को मन से नमन् है।
■प्रणय प्रभात■