मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
तेरे बिना जीने का कोई अर्थ ही नहीं है!
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
- वीर शिरोमणी मंडोर प्रधान राव हेमाजी गहलोत -
जिस परिंदे के पंखों में मजबूती होती है।
ज़िन्दगी का हिसाब होता है
चिराग़ उम्मीद का जलाया न होता,
मृदुल-पुकार
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)