मुक्तक
ऊँच-नीच की दीवारें ना धर्मो का कोई पंगा हो
मंदिर-मस्जिद गुरुद्वारों की सदा ही शान तिरंगा हो,
मेरे भारत की यह सुंदरता और एकता बनी रहे,
मज़हब के नामों पर ना कोई दहशत ना ही दंगा हो
ऊँच-नीच की दीवारें ना धर्मो का कोई पंगा हो
मंदिर-मस्जिद गुरुद्वारों की सदा ही शान तिरंगा हो,
मेरे भारत की यह सुंदरता और एकता बनी रहे,
मज़हब के नामों पर ना कोई दहशत ना ही दंगा हो