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19 Feb 2024 · 1 min read

कविता

ठंड का मौसम
सिकुड़न और ठंड का मौसम अब आया
प्रात:काल ओस ने कब्जा जमाया।
सूरज की किरणें लगने लगे प्यारी
फूल,सब्जियां फैली हरियाली क्यारी।
चाय की प्याली और गर्म-गर्म भोजन
छूकर के शीत जल सिहर जाए तन-मन।
मां बहन तत्पर हो करती हैं सेवा
साफ स्वच्छ घर आंगन रुचिकर कलेवा।
ठंड का स्वागत करते हैं त्यौहार
चेहरे पर मुस्कान फैली खुशियां अपार।
साधु संत सन्यासी निकले हैं बाहर
बीते चतुर्मास हुई भक्ति उजागर।
गृहणी संत पुरुषार्थी ठंड से न डरते
शरद हेमंत शिशिर सबका स्वागत करते।
नव युवा जीवन के सपने सजाते
कुछ लक्ष्य पर जाते कुछ नवगीत गाते ।
सबने ही मौसम को ताज पहनाया
सब खुश हुए ठंड का राज आया।
नमिता शर्मा

Language: Hindi
76 Views

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