Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2021 · 1 min read

मिले मेरी वफा तुमको

********* मिले मेरी वफ़ा तुमको **********
*************************************
1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1222
*************************************

रहूँ तीरे नजर से यार देखूँ मैं सदा तुमको,
फिदा कर दूँ खुशी सारी मिले मेरी वफा तुमको।

बनूँगा हार बाँहों का गले तेरे लिपट कर मैं,
समा तेरी निगाहों में सदा जाऊँ बता तुमको।

कहूँ कैसे बताओ हाल ए दिल बेकरारी का,
मिले ना चैन पल भर भी सुनो मेरा गिला तुमको।

रखूँ मैं हार कर मेरा प्यार तेरे यार कदमों में,
नहीं जीना जरा भी है वहाँ मेरे बिना तुमको।

सिमट जाऊँ यार बाँहों में सदा सुनसान राहों में,
लगे कुछ भी भनक मेरी सदा मेरा पता तुमको।

बता दूँ सार मनसीरत यहाँ क्या रीत होती है,
सजा देती सदा ही प्रीत मुझको दे मजा तुमको।
*************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
368 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन में रखिए हौसला,
मन में रखिए हौसला,
Kaushal Kishor Bhatt
पंख पतंगे के मिले,
पंख पतंगे के मिले,
sushil sarna
किस्मत
किस्मत
Neeraj Agarwal
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
खींच रखी हैं इश्क़ की सारी हदें उसने,
शेखर सिंह
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
तुम्हें कब ग़ैर समझा है,
तुम्हें कब ग़ैर समझा है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
अपनी तस्वीरों पर बस ईमोजी लगाना सीखा अबतक
ruby kumari
अब कहां वो प्यार की रानाइयां।
अब कहां वो प्यार की रानाइयां।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Bikhari yado ke panno ki
Bikhari yado ke panno ki
Sakshi Tripathi
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
■ लघु व्यंग्य :-
■ लघु व्यंग्य :-
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
लफ़्ज़ों में ज़िंदगी को
लफ़्ज़ों में ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
हिन्दू मुस्लिम करता फिर रहा,अब तू क्यों गलियारे में।
शायर देव मेहरानियां
कन्या रूपी माँ अम्बे
कन्या रूपी माँ अम्बे
Kanchan Khanna
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मुझे पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
" खामोश आंसू "
Aarti sirsat
*दही सदा से है सही, रखता ठीक दिमाग (कुंडलिया)*
*दही सदा से है सही, रखता ठीक दिमाग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
*होलिका दहन*
*होलिका दहन*
Rambali Mishra
एक पत्नी अपने पति को तन मन धन बड़ी सहजता से सौंप देती है देत
एक पत्नी अपने पति को तन मन धन बड़ी सहजता से सौंप देती है देत
Annu Gurjar
भाव जिसमें मेरे वो ग़ज़ल आप हैं
भाव जिसमें मेरे वो ग़ज़ल आप हैं
Dr Archana Gupta
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...