Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jul 2023 · 1 min read

*दही सदा से है सही, रखता ठीक दिमाग (कुंडलिया)*

दही सदा से है सही, रखता ठीक दिमाग (कुंडलिया)
_________________________
दही सदा से है सही, रखता ठीक दिमाग
ठंडक पड़ती देह में, जब मौसम में आग
जब मौसम में आग, रायता और पकौड़ी
मीठा-गाढ़ा रूप, प्लेट ज्यों सरपट दौड़ी
कहते रवि कविराय, हमेशा दिखा अदा से
मिला-मिला कर सौंठ, स्वादमय दही सदा से
_______________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
"सफाई की चाहत"
*Author प्रणय प्रभात*
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
मैं तेरी पहचान हूँ लेकिन
Shweta Soni
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
एकता
एकता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पग पग पे देने पड़ते
पग पग पे देने पड़ते
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
तुम सम्भलकर चलो
तुम सम्भलकर चलो
gurudeenverma198
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
Jay prakash dewangan
Jay prakash dewangan
Jay Dewangan
साइस और संस्कृति
साइस और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
मिलन
मिलन
Gurdeep Saggu
"खुश रहने के तरीके"
Dr. Kishan tandon kranti
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
वो ऊनी मफलर
वो ऊनी मफलर
Atul "Krishn"
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
रंगोत्सव की हार्दिक बधाई-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जितना खुश होते है
जितना खुश होते है
Vishal babu (vishu)
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
हो रहा अवध में इंतजार हे रघुनंदन कब आओगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
2256.
2256.
Dr.Khedu Bharti
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
आप हो न
आप हो न
Dr fauzia Naseem shad
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
Rj Anand Prajapati
मकड़जाल से धर्म के,
मकड़जाल से धर्म के,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कमज़ोर सा एक लम्हा
कमज़ोर सा एक लम्हा
Surinder blackpen
Loading...