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29 Jul 2023 · 1 min read

तुम्हें कब ग़ैर समझा है,

तुम्हें कब ग़ैर समझा है,
हमेशा थे तुम्हारे संग
कभी देखा नहीं तुमने,
हमारी ही वफ़ा का रंग
दिखी ना सादगी मेरी,
दिखी बस दिल्लगी तुमको
यही था इश्क़ का लहजा,
यही है यार मेरा ढंग
महावीर उत्तरांचली

1 Like · 179 Views
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