Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2023 · 1 min read

एकजुट हो प्रयास करें विशेष

काश नदी की यात्रा पर
निकले नेताओं का कुनबा
तभी वे देख, समझ सकेंगे
सब नदियों में बढ़ता मलबा
व्यक्तिगत लोभवश कब्जा
कर रहे नदियों पे तमाम लोग
तंत्र मूकदर्शक बना देख रहा
यहां वहां होते मनमाने प्रयोग
नदियों में मनमाना खनन कर
न्यौत रहे आपदाओं के दुर्योग
मगर सरकारी मशीनरी सतत
दावे करे कि सुखद हुए परिवेश
हे प्रभु देश के लोगों को देना
सन्मति और सामयिक विवेक
नदियों के संरक्षण के लिए वे
एकजुट हो प्रयास करें विशेष
नदियों के संरक्षण से ही मिल
सकेगी सबको जल की गारंटी
अन्यथा भविष्य में जल के लिए
ढीली करनी होगी सबको अंटी

Language: Hindi
269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Mai koi kavi nhi hu,
Mai koi kavi nhi hu,
Sakshi Tripathi
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
Neelam Sharma
अमीर
अमीर
Punam Pande
एक नज़्म - बे - क़ायदा
एक नज़्म - बे - क़ायदा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कहमुकरी
कहमुकरी
डॉ.सीमा अग्रवाल
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
3151.*पूर्णिका*
3151.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एक फूल....
एक फूल....
Awadhesh Kumar Singh
*टमाटर (बाल कविता)*
*टमाटर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
#शुभ_दिवस
#शुभ_दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
सर्वोपरि है राष्ट्र
सर्वोपरि है राष्ट्र
Dr. Harvinder Singh Bakshi
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
पुरानी यादें ताज़ा कर रही है।
Manoj Mahato
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
कान में रखना
कान में रखना
Kanchan verma
डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय
Shyam Sundar Subramanian
"ब्रेजा संग पंजाब"
Dr Meenu Poonia
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
कवि दीपक बवेजा
पहले उसकी आदत लगाते हो,
पहले उसकी आदत लगाते हो,
Raazzz Kumar (Reyansh)
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
बुद्ध के संग अब जाऊँगा ।
Buddha Prakash
बन्दिगी
बन्दिगी
Monika Verma
आईना
आईना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सत्य पथ पर (गीतिका)
सत्य पथ पर (गीतिका)
surenderpal vaidya
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...