Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2023 · 1 min read

#क़तआ (मुक्तक)

#क़तआ (मुक्तक)
■ हम होंगे कामयाब…
【प्रणय प्रभात】
“चाँद पर लहराएगा भारत का परचम देखना।
भूलना मत शाम को इसरो का दमखम देखना।।
गाढ़ कर झंडा रहेगा आज साउथ पोल पर।
चाँद पर प्रज्ञान अपना साथ विक्रम देखना।।”
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
“गुप्त रत्न”नहीं मिटेगी मृगतृष्णा कस्तूरी मन के अन्दर है,
गुप्तरत्न
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
क्यों मुश्किलों का
क्यों मुश्किलों का
Dr fauzia Naseem shad
मुझे न कुछ कहना है
मुझे न कुछ कहना है
प्रेमदास वसु सुरेखा
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मचलते  है  जब   दिल  फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
मचलते है जब दिल फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
डी. के. निवातिया
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
Suryakant Dwivedi
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
ਹਾਸਿਆਂ ਵਿਚ ਲੁਕੇ ਦਰਦ
Surinder blackpen
पर्दा हटते ही रोशनी में आ जाए कोई
पर्दा हटते ही रोशनी में आ जाए कोई
कवि दीपक बवेजा
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Tum to kahte the sath nibhaoge , tufano me bhi
Sakshi Tripathi
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
पितर
पितर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
कभी सरल तो कभी सख़्त होते हैं ।
Neelam Sharma
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
पाँव
पाँव
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
Shashi kala vyas
अफवाह आजकल फॉरवर्ड होती है(हास्य व्यंग्य)*
अफवाह आजकल फॉरवर्ड होती है(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
महफ़िल जो आए
महफ़िल जो आए
हिमांशु Kulshrestha
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
करवा चौथ@)
करवा चौथ@)
Vindhya Prakash Mishra
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
बिकाऊ मीडिया को
बिकाऊ मीडिया को
*Author प्रणय प्रभात*
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
তুমি এলে না
তুমি এলে না
goutam shaw
हंसना - रोना
हंसना - रोना
manjula chauhan
Loading...