Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2023 · 2 min read

कुछ उत्तम विचार………….

कुछ उत्तम विचार ………………

जब आप खुद को ठगा हुआ पाएं
सबसे पहले अपना आत्मबल जगाएं!

झूठ को पहचान कर, सच को आधार बनाएं!
मित्र को हृदय से लगाएं, शत्रु को बाहर भगाएं!

जीवन में अपने फैसले आप स्वयं करें!
पाखंड को नकार,सत्य का वरण करें!!

भेड़ की खाल में भेड़िया है!…..समझ आते ही पर्दाफाश करें! खुद पर विश्वास करें!!

स्वार्थ चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमेशा दुखदाई होता है। अतः लालच में आकर, अपने मानवीय मूल्यों को हानि न पहुंचाएं!

कर्म ही सफलता की कुंजी है! अतः दृढ़ निश्चय पूर्वक, लक्ष्य प्राप्ति के लिए सतर्क रहकर सत्कर्म करें!

न अपने आप को मूर्ख बनाएं और न ही दूसरों को धोखा दें!

सहज,सरल,साधारण और सदभावी रहें!
दिखावटी नहीं, वास्तविक रहें!

सत्य के साथ रहें,झूठ को ना कहें!
मन को वश में करें, भावों में न बहें!!

आत्मचिंतन के सभी मार्ग खुले रखें क्योंकि आत्मचिंतन ही आत्मसाक्षात्कार करवाता है!

नकारात्मकता को दूर करने में ही भलाई है क्योंकि सकारात्मक ही सत्य है!

अपने विचारों को तार्किक बनाएं और कुतर्क से परहेज़ करें!

साधुओं की संगति सर्वदा हितकारिणी है परन्तु साधु दुर्लभ हैं!

आप अच्छे हैं तो सब अच्छे हैं परन्तु अपनी अच्छाइयों को मूर्खता से दूर रखें!

वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपके मान सम्मान को सुरक्षित रखने में सहयोग करे!

मतलब के लिए आपका उपयोग करने वाले लोग, कभी विश्वसनीय नहीं हो सकते हैं!

कुदरत से बड़ा कोई मित्र नहीं है लेकिन कुदरत को कायम रखना आपकी जिम्मेदारी है!

न्यायप्रिय होना अनिवार्य है क्योंकि जो न्यायप्रिय है,वही कुदरती है! शेष सबकुछ बनावटी और व्यवहारिक आचरण मात्र है!

मानवीय मूल्यों को कहीं चुनौती नहीं है! मानवता वर्तमान की मूल आवश्यकता है!

भरोसा ही भगवान है! अतः भरोसा कायम रखें! स्वयं पर भी, औरों पर भी!

बिना मतलब अनावश्यक रूप से दूसरों के फटे में टांग न फसाएं,रफ्फूगर बनें!

परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी स्थिति में नहीं करें क्योंकि आप दूसरों के विषय में कुछ नहीं जानते क्योंकि आप स्वयं को ही नहीं जानते!

सबके लिए मददगार बनें परंतु मददगार बनकर किसी को भी नुकसान न पहुंचाएं अथवा मदद के नाम पर अपने स्वार्थ सिद्ध करने से परहेज़ करें!

अवसरवादी होना द्विअर्थी है! सन्मार्ग पर चलते हुए अवसर का लाभ उठाएं परंतु किसी को कुचलकर अवसर का लाभ उठाना सरासर ग़लत है!

प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!

मनुष्य हैं तो मनुष्य ही रहें!

विमला महरिया “मौज”

Language: Hindi
3 Likes · 358 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"अतितॄष्णा न कर्तव्या तॄष्णां नैव परित्यजेत्।
Mukul Koushik
"मित्रता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सत्य की खोज अधूरी है
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
वो काजल से धार लगाती है अपने नैनों की कटारों को ,,
Vishal babu (vishu)
मनमुटाव अच्छा नहीं,
मनमुटाव अच्छा नहीं,
sushil sarna
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
बरखा
बरखा
Dr. Seema Varma
हर इंसान होशियार और समझदार है
हर इंसान होशियार और समझदार है
पूर्वार्थ
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
"अकेला"
Dr. Kishan tandon kranti
"मुशाफिर हूं "
Pushpraj Anant
👉 ताज़ा ग़ज़ल :--
👉 ताज़ा ग़ज़ल :--
*Author प्रणय प्रभात*
अनंतनाग में शहीद हुए
अनंतनाग में शहीद हुए
Harminder Kaur
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
💐अज्ञात के प्रति-125💐
💐अज्ञात के प्रति-125💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
भारतवर्ष स्वराष्ट्र पूर्ण भूमंडल का उजियारा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
The magic of your eyes, the downpour of your laughter,
Shweta Chanda
तुमसे मैं एक बात कहूँ
तुमसे मैं एक बात कहूँ
gurudeenverma198
चलती है जिंदगी
चलती है जिंदगी
डॉ. शिव लहरी
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
shabina. Naaz
*दूसरी अपनी काया 【कुंडलिया】*
*दूसरी अपनी काया 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Loading...