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9 May 2024 · 1 min read

मासूम शैशव पुनीत रहे

नन्हे कोमल प्यारे – प्यारे
शिशु ईश्वर के कृति दुलारे I

शिशु – तुम गुरु अवश्य ही बनना
निति युक्त ही सुकार्य करना I

डॉक्टर बनना -न बताना बेटा या बेटी
संवेदना हो तुम्हारी दृष्टि I

पुलिस बनो -कर्तव्यपरायण रक्षक
कृपया मत बन जाना भक्षक !

नेता हो तो -रखना देश की आन
निजहित से ऊपर हो जन- सम्मानI

बने अगर तुम फौजी वीर
वैरी की बदनियती देना चीर!

अगर कविता रच पाओ तो
हो रचना में सकारात्मकता I

चित्रकार बन कुची ली हो
तो हर शय ही अलंकृत कर दो I

बनो कुछ भी, रहो कुछ भी
इंसानों के द्योतक रहना
कहो कुछ भी,करो जो सही
‘सुपर मॉम ’ का ये ही है कहना !

• सुपर मॉम : कवियत्री को कई बार प्रेमपूर्वक इसी उपनाम से सुशोभित किया गया है I

Language: Hindi
1 Like · 42 Views
Books from Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
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