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20 Jan 2024 · 1 min read

बेशर्मी के कहकहे,

बेशर्मी के कहकहे,
नग्न हुआ शृंगार ।
लाज हीन लज्जा हुई,
ऐसी चली बयार ।।

सुशील सरना / 20-1-24

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