छाँव की धूप में
पुष्पा शर्मा (अपराजिता )
अनुपम प्रकृति की गोद में, अनवरत गहन यादों के आलिंगन में, संध्या की कांतिमय वेला में और भगती-दौड़ती इस जीवन की जिजीविषा से परिपूर्ण क्षणों में एकत्रित हृदय के कुछ उद्गारों का तीसरा कविता संग्रह "छाँव की धूप में" सादर...