Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 1 min read

मात-पिता श्री गुरु चरणों में बारंबार प्रणाम है

मात-पिता श्री गुरु चरणों में, बारंबार प्रणाम है
मेरे जीवन प्राण आप हैं, आप मेरे भगवान हैं
पाल पोस कर बड़ा किया, मेरा जीवन महकाया
पहला शब्द सिखाया मां ने, पिता ने बोझ उठाया
विद्यालय में गुरु मिले, पढ़ना लिखना सिखलाया
विद्यालय से विश्वविद्यालय तक, शिक्षक गुरु मिले
जीवन पर उपकार है उनका, जीवन के हर पाठ मिले
मोल नहीं है धरती पर, शिक्षा के अवदान का
मात पिता और गुरु रूप हैं, धरती पर भगवान का
फादर्स दिवस पर आज ह्रदय से,
श्रद्धा भाव समर्पित है
मात पिता और शिक्षक गुरु पर, हृदय आज गर्वित है
सदा सदा अंतस में मेरे, गुरुवर तुम्हारा ज्ञान रहे
जब तक शरीर में सांस रहे, सदा तुम्हारा ध्यान रहे

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 289 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"ताले चाबी सा रखो,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा चाँद न आया...
मेरा चाँद न आया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दंगे-फसाद
दंगे-फसाद
Shekhar Chandra Mitra
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
Rekha Drolia
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
जीवन
जीवन
Monika Verma
गुजरा वक्त।
गुजरा वक्त।
Taj Mohammad
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
3064.*पूर्णिका*
3064.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
अधिकांश लोगों के शब्द
अधिकांश लोगों के शब्द
*Author प्रणय प्रभात*
"एक नज़र"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
ruby kumari
Hello
Hello
Yash mehra
* पानी केरा बुदबुदा *
* पानी केरा बुदबुदा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...