माँ
माँ
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“माँ “ममता,प्यार,दुलार हैं,
जीवन की सच्ची सलाहकार हैं ,
मातृत्व शक्ति से वाकिफ नहीं जो,
उसका जीवन में कहा उद्धार हैं,
प्यार का आगाज़ “माँ ” से हैं,
जनाब यही प्यार तो संसार हैं,
क्यो वज़ह ढूंढते हो खुश होने की
“माँ “ही खुशियों का भण्डार हैं।
शमा परवीन बहराइच उत्तर प्रदेश