Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2025 · 1 min read

मेरे राम

दशरथ कौशल्या सुत राम
अयोध्याधाम के राजा राम
केकई के वनवासी राम
हनुमान के सब कुछ राम।
असुरों, राक्षसों के संहारक राम
रावण, बालि बध कर तारे राम।
सुग्रीव विभीषण के मित्र राम
अहिल्या, शबरी के उद्धारक राम,
जनक के जमाई राम,
सीता के पति परमेश्वर राम।
मर्यादा की मूरत राम
अविचल अविनाशी राम
शांत सौम्यधारी राम
मातु पितु आज्ञाकारी राम।
जन जन में बसते हैं राम
कण कण में समाहित राम,
धरती आकाश पाताल में राम
जीव निर्जीव सभी राम।
मेरे अंतर्मन में राम
मेरे प्यारे प्रभु श्री राम,
हैं मेरे उद्धारक राम
मेरे सब कुछ राम ही राम।
राम की महिमा राम ही जाने
अपने भक्तों को वो जाने
भक्तों के कष्ट मिटाते राम
ऐसे मेरे है श्री राम।

सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
9 Views

You may also like these posts

सु धिकी सुगन्ध
सु धिकी सुगन्ध
आशा शैली
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Shashi kala vyas
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दिये आँखो कें जलाये बैठी हूँ ...
दिये आँखो कें जलाये बैठी हूँ ...
Manisha Wandhare
यह रात का अंधेरा भी, हर एक  के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
यह रात का अंधेरा भी, हर एक के जीवन में अलग-अलग महत्व रखता ह
Annu Gurjar
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
मैं चाहता हूँ कि..
मैं चाहता हूँ कि..
पूर्वार्थ
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
बहुत उम्मीदें थीं अपनी, मेरा कोई साथ दे देगा !
DrLakshman Jha Parimal
इल्म की कमी अखलाक छुपा लेते हैं
इल्म की कमी अखलाक छुपा लेते हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
इश्क की अब तलक खुमारी है
इश्क की अब तलक खुमारी है
Dr Archana Gupta
विषय _  इन्तजार दूरी का
विषय _ इन्तजार दूरी का
Rekha khichi
बदलता दौर
बदलता दौर
ओनिका सेतिया 'अनु '
बचपन
बचपन
Indu Nandal
"औकात"
Dr. Kishan tandon kranti
कुरुक्षेत्र की अंतिम ललकार भाग-2
कुरुक्षेत्र की अंतिम ललकार भाग-2
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद
guru saxena
ये जो उच्च पद के अधिकारी है,
ये जो उच्च पद के अधिकारी है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*आता मौसम ठंड का, ज्यों गर्मी के बाद (कुंडलिया)*
*आता मौसम ठंड का, ज्यों गर्मी के बाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
ईव्हीएम को रोने वाले अब वेलेट पेपर से भी नहीं जीत सकते। मतपत
ईव्हीएम को रोने वाले अब वेलेट पेपर से भी नहीं जीत सकते। मतपत
*प्रणय*
होली
होली
SATPAL CHAUHAN
शिवहर
शिवहर
श्रीहर्ष आचार्य
3492.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3492.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ये कटेगा
ये कटेगा
शेखर सिंह
दोेहे
दोेहे
Suryakant Dwivedi
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
मां का आंचल और पिता प्रेम
मां का आंचल और पिता प्रेम
श्याम सांवरा
Loading...