Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Feb 2024 · 1 min read

वह आवाज

अभी तक
कुछ नहीं सुना
जिधर भी देखो
वही ध्वनि
कानों में वो शोर
न केवल…
और दिल
तीखी आवाज
क्या करें?
थोड़ा तंग
वहाँ है…
वे संघ
आपको कैसे मालूम ?
यदि ऐसा है तो
ध्वनियाँ सुनें
सुनने को तैयार नहीं
तथापि…
हम तो रोज सुन रहे हैं
हर जगह ध्वनि से भरा है
सिर्फ शहरों में नहीं
अब
गांवों में
चहचहाता सेल फ़ोन
शोर से
ट्रेनें चलेंगी
शोर होने तक…
हमारे पूछे बिना
हर दिन किसी न किसी तरह
हम तो बस सुन रहे हैं
इंसानों का
सिर्फ दिल की आवाज
बिना पूछे…
इसका बहुत समय हो गया…!

+ ओत्तेरी सेल्वा कुमार
चेन्नई, तमिलनाडु

Loading...