Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 2 min read

नाक पर दोहे

नाक पर दोहावली – (मुहावरा दोहावली)

राजनीति में नाक ही , अब बनती है ढाल |
नेता भी हर बात में , इसका रखते ख्याल ||1

हर अवसर पर नाक की ,इज्जत रहे सवाल |
हार जीत का खेल ही , देता हर्ष मलाल || 2

ऊँची ‌होती नाक जब , होते भाव विभोर |
नीची दिखती है जहाँ , सब करते है शोर || 3

गलत काम पर नककटा , कहता सदा समाज |
ऊँची होती नाक है , जब अच्छा हो काज ||4

नाक कटाकर कब मिले ,दुनिया में सम्मान |
शूर्पनखा को देख लो , घूम रही मैदान || 5

हार जीत के खेल में , हाथ पैर का काम |
फिर भी मिलती हार जब, कटे नाक की चाम ||6

सीमा रेखा लाँघते , मन के सँग दो पैर |
दाग लगे पर नाक पर , सहती सबसे बैर ||7

कह भी देते लोग है , कौन लगाकर नाक |
आए फिर से आप हो , यहाँ जमाने धाक || 8

आँख ‌करे अश्लीलता , हाथ पैर नापाक |
मन का धन यह तन करे , पर कटती है नाक ||9

बड़ी नाक जब आपकी , क्यों हैं छोटे काम |
कह देते सब लोग हैं , मुख पर ही अविराम || 10

आँसू दुनिया पोंछ दे , पर मत पोंछे नाक |
लोग यहाँ बस देखते , कहाँ नाक पर चाक ||11

नाक बचाना अब कठिन , रखकर इसका नूर |
लोग काटने घूमते , करें घात भरपूर ||12

मख्खी बैठे नाक पर , खुद जाता है ध्यान |
लोग देखकर हँस पड़े , करते है अपमान ||13

नाक नरम भी जानकर , नथनी देते डाल |
अंग बता शृंगार का , करते उसे हलाल || 14

चश्मा चढ़कर नाक पर , करे सुरक्षित नैन |
गड्डे पड़ते भार से , रहती है बैचैन || 15

बेटे की भी बाप से , करते नाक मिलान |
जिसकी मिलती है जरा ,असल कहें पहचान ||16

नाक प्रियंका देखकर , आए थे कुछ व्यान |
लगती दादी इंदिरा , खूब ‌‌‌ चले‌ थे गान || 17

नाक बिचारी क्या करे ,शीत ताप के काल |
रोने लगती छिद्र से , हो जाती ‌ है लाल ||18

दिखते सबको नाक के ,कुछ- कुछ अलग स्वरूप |
चपटी चौड़ी लम्बवत , कुछ की लगती कूप ||19

नाक साफ रखते सभी , सेवक है रूमाल |
कुछ तो अपने हाथ से , देते रहते ताल | |20

अब “सुभाष” जितना लिखा , मैने नाक पुराण |
सत्य लिखा या है गलत , देखें आप प्रमाण ||21

©®सुभाष सिंघई जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"मैं और तू"
Dr. Kishan tandon kranti
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
😢😢
😢😢
*प्रणय प्रभात*
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
Shweta Soni
मेरी सुख़न-गोई बन गई है कलाम मेरा,
मेरी सुख़न-गोई बन गई है कलाम मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
Shivkumar Bilagrami
नीव मजबूत नही होती अगर
नीव मजबूत नही होती अगर
Harinarayan Tanha
प्रेम
प्रेम
Acharya Rama Nand Mandal
नेता
नेता
Punam Pande
आपसी कलह में सबके हित का हुआ बॅंटाधार,
आपसी कलह में सबके हित का हुआ बॅंटाधार,
Ajit Kumar "Karn"
*अभी और कभी*
*अभी और कभी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
उम्मीद की अर्थी
उम्मीद की अर्थी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
आपके साथ आपका रिश्ता आपके हर दूसरे रिश्ते के लिए सुर व ताल स
आपके साथ आपका रिश्ता आपके हर दूसरे रिश्ते के लिए सुर व ताल स
ललकार भारद्वाज
समाज की डार्क रियलिटी
समाज की डार्क रियलिटी
पूर्वार्थ
*प्रेम*
*प्रेम*
Priyank Upadhyay
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
Neeraj Kumar Agarwal
رمضان کے تعلق سے۔۔۔
رمضان کے تعلق سے۔۔۔
अरशद रसूल बदायूंनी
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
ଅନୁଶାସନ
ଅନୁଶାସନ
Bidyadhar Mantry
रूठना - मनाना ये प्यार के खेल है,
रूठना - मनाना ये प्यार के खेल है,
Buddha Prakash
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सौ
सौ
Varun Singh Gautam
मसल कर कली को
मसल कर कली को
Pratibha Pandey
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
SURYA PRAKASH SHARMA
संस्कृतियों का समागम
संस्कृतियों का समागम
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Why did we drift apart?
Why did we drift apart?
Mahesh Ojha
अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
अंधेरों से कह दो की भटकाया न करें हमें।
Rj Anand Prajapati
Loading...