Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2018 · 1 min read

माँ (ग़ज़ल)

2122 1212 22/112
ग़ज़ल
***************

माँ
***
माँ जिधर भी नज़र उठाती है
वो ज़मीं हँसती मुस्कुराती है//१

हर बला दूर ही ठहर जाए
माँ उसे डांट जब लगाती है //२

माँ के कदमों से दूर जाए जो
ज़िन्दगी फिर उसे रुलाती है //३

पास जब मौत आए बच्चों के
तब तो माँ जां पे खेल जाती है //४

जब कभी भूल हमसे हो जाए
माँ ही दामन में तब छुपाती है //५

भूख के साये में न हों बच्चे
खुद को माँ धूप में सुखाती है //६

मुस्कुराहट बनी रहे घर में
घर के सब बोझ माँ उठाती है //९

चैन की नींद वो ही सो पाए
माँ जिसे लोरियाँ सुनाती है //८

मां के दामन में सिर्फ प्यार भरा
प्यार ही प्यार वो लुटाती है //९

चोट खाता क़मर कहीं भी जब
लब पे तब सिर्फ़ माँ ही आती है//१०

— क़मर जौनपुरी
( क़मरुद्दीन शेख, जौनपुर, उत्तर प्रदेश )

5 Likes · 27 Comments · 425 Views

You may also like these posts

खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
Anand Kumar
स्वाभाविक
स्वाभाविक
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
FUSION
FUSION
पूर्वार्थ
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा
Dr.Pratibha Prakash
बस एक कहानी .....
बस एक कहानी .....
संजीवनी गुप्ता
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं
नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं
Sudhir srivastava
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
हाजीपुर
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
इस तरह क्या दिन फिरेंगे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रेम की मर्यादा
प्रेम की मर्यादा
singh kunwar sarvendra vikram
वेदना में,हर्ष  में
वेदना में,हर्ष में
Shweta Soni
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimadbhagwadgita is a museum of theories and interpretations)
सिद्धांतों और व्याख्याओं का अजायबघर श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimadbhagwadgita is a museum of theories and interpretations)
Acharya Shilak Ram
रात अभी अलसाई है,  जरा ठहरो।
रात अभी अलसाई है, जरा ठहरो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हे खुदा से प्यार जितना
हे खुदा से प्यार जितना
Swami Ganganiya
रिश्ता बनाम प्रेम
रिश्ता बनाम प्रेम
Saraswati Bajpai
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
मेरा वजूद क्या
मेरा वजूद क्या
भरत कुमार सोलंकी
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
*शुभ-रात्रि*
*शुभ-रात्रि*
*प्रणय*
साया
साया
Harminder Kaur
बहुत धूप है
बहुत धूप है
sushil sarna
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Seema gupta,Alwar
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
समय की धारा
समय की धारा
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
खिड़की के बंद होने से पूर्व-----
खिड़की के बंद होने से पूर्व-----
Shally Vij
Loading...