Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2024 · 1 min read

FUSION

FUSION

Lying here naked
Writing poetry on your skin
Wondering where is it I end
And where do you begin

Fingers tracing love letters
Slowly down your spine
Goosebumps quivering with joy
As your world collides with mine

Breath dancing to the rhythm
Hearts drumming sacred beats
Heaven rejoicing in our sighs
Bodies melting in the heat

Without a beginning or an end
There is no you or me
Lost forever in this moment
Surrendering to love to set us free

129 Views

You may also like these posts

अंधेरों में कटी है जिंदगी अब उजालों से क्या
अंधेरों में कटी है जिंदगी अब उजालों से क्या
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
" सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
Ravikesh Jha
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
एक ऐसा दृश्य जो दिल को दर्द से भर दे और आंखों को आंसुओं से।
Rekha khichi
यात्रा
यात्रा
Sanjay ' शून्य'
"पलते ढेरों अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
भगवान शिव शंभू की स्तुति
भगवान शिव शंभू की स्तुति
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ब्यूटी विद ब्रेन
ब्यूटी विद ब्रेन
Shekhar Chandra Mitra
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
उनके जख्म
उनके जख्म
'अशांत' शेखर
उस दिन
उस दिन
Shweta Soni
मोदी राग
मोदी राग
जय लगन कुमार हैप्पी
नज़्म
नज़्म
Shiva Awasthi
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
गुलाब
गुलाब
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
3282.*पूर्णिका*
3282.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8US là cổng game đổi thưởng hàng đầu, nổi bật với các trò ch
8usband
लौह पुरुष
लौह पुरुष
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चलो कुछ नया करते हैं
चलो कुछ नया करते हैं
AMRESH KUMAR VERMA
"पुरखों के जमाने के हो बाबा"
राकेश चौरसिया
विषय
विषय
Rituraj shivem verma
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
“लिखते कुछ कम हैं”
“लिखते कुछ कम हैं”
DrLakshman Jha Parimal
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
*प्रणय*
*खोटा था अपना सिक्का*
*खोटा था अपना सिक्का*
Poonam Matia
Loading...