माँ – बेटी
चाहा था मैंने तुझको, पाया बहुत इंतजार के बाद,
मेरी नन्ही परी, हो तुम पीर बाबा का वरदान।
आज भी याद है वो पहला अहसास,
जब पता चला, तुम आने वाली हो मेरे पास।
सब कहते हैं, सारा प्यार और परवरिश दी है तुमको मैंने,
वो क्या जाने, प्यार और परवरिश सारी सीखी है तुमसे मैंने।
आज के दिन, है मेरा भी जन्मदिन,
एक बेटी के साथ, माँ का भी है ये दिन।
तुझमें पाया मैंने बेटी, बेटा और एक दोस्त,
पहुँचा दिया मेरे जीवन को तुमने प्रकोष्ठ।
तुम हो मेरे घर का चिराग और वारिस,
बहनों की दीदी, रक्षक और मार्गदर्शक।
पापा की प्यारी, सबकी राजदुलारी,
सब कहते हैं, तुम हो सबसे न्यारी।
खोजा अपना रास्ता, किया हमको गर्वित,
दुनिया घूमी, ना छोड़ा समुन्दर या पर्वत।
जितनी तकलीफों से पाया तुम्हें,
उतने ही आसान हो गए हर लम्हें।
दिल से दुआ है मेरी, यूँही खुशियाँ बिखेरती रहो,
खूब खुश रहो और सफलता की ऊँचाईयों को छूती रहो।
जीवन की हर खुशी, तुम्हारे कदमों मे हो,
आनेवाला वक़्त केवल और केवल तुम्हारा हो।
मम्मा के दिल का टुकड़ा हो, जान हो अरमान हो,
तुम मेरी हर साँस मे बसा अहसास हो,
हमेशा यही याद रखो की तुम मेरे लिए कितनी खास हो।