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5 Mar 2017 · 1 min read

मन में जागी अभिलाषा है

मन में जागी सागर से भी गहरी अभिलाषा है
जिसे पूर्ण करने के लिए उत्पन्न हुई एक आशा है
मेहनत कर जी तोड़कर यही सफल होने की परिभाषा है
इतना सोचा तो मुझे यह समझ में आता है मेहनत ही है सब कुछ बाकी संसार एक कपोल-कल्पित काया है
वक्त जो चला गया वह कभी ना वापस आया है
ज्ञान वह होती है जिसे मनुष्य पीहो कर रख पाया है
संसार कुछ नहीं बल्कि एक कपोल-कल्पित काया है
बस इतना ही मुझे समझ नहीं आया है

Language: Hindi
564 Views
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