Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2024 · 1 min read

“गहरा रिश्ता”

“गहरा रिश्ता”
गहरा रिश्ता है आग से
चूल्हे और पेट का,
जिन्दगी और मौत से
जैसे सम्बन्ध डेट का,
नदी और लहर से
आद्योपान्त रिश्ता रेत का

2 Likes · 1 Comment · 30 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
3035.*पूर्णिका*
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर रोज़
हर रोज़
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-197💐
💐प्रेम कौतुक-197💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
त्याग समर्पण न रहे, टूट ते परिवार।
Anil chobisa
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
Rakesh Singh
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
कवि दीपक बवेजा
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
"प्रीत की डोर”
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
मेरे दिल ❤️ में जितने कोने है,
शिव प्रताप लोधी
हम रंगों से सजे है
हम रंगों से सजे है
'अशांत' शेखर
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
आज इंसान के चेहरे पर चेहरे,
Neeraj Agarwal
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
Ram Krishan Rastogi
सिर की सफेदी
सिर की सफेदी
Khajan Singh Nain
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
“ आप अच्छे तो जग अच्छा ”
DrLakshman Jha Parimal
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
*कलम जादू भरी जग में, चमत्कारी कहाती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सोशलमीडिया
सोशलमीडिया
लक्ष्मी सिंह
तुम इन हसीनाओं से
तुम इन हसीनाओं से
gurudeenverma198
*बस एक बार*
*बस एक बार*
Shashi kala vyas
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
"कलम और तलवार"
Dr. Kishan tandon kranti
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
Loading...