चक्षु सजल दृगंब से अंतः स्थल के घाव से
💐प्रेम कौतुक-301💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
पढ़ने की रंगीन कला / MUSAFIR BAITHA
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
नौजवानी फूल पर हर छा रही है (मुक्तक)
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं