Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2023 · 1 min read

#डॉअरुणकुमारशास्त्री

#डॉअरुणकुमारशास्त्री
तहरीक एय अमल और तहज़ीब एय असल में ज़मीन आसमान का अंतर हुआ करता है ज़नाब ।
अब फैसला तो ग़ैरत एय इंसान की इंकलाबी वसलियात में छुपी फितरत पर छोड़ना पड़ेगा ना हमारे क़सीदे पड़ने से होता भी क्या है हाज़रात ।।

359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-435💐
💐प्रेम कौतुक-435💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
उस दर्द की बारिश मे मै कतरा कतरा बह गया
'अशांत' शेखर
"एक सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
शिशिर ऋतु-१
शिशिर ऋतु-१
Vishnu Prasad 'panchotiya'
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गलतियां ही सिखाती हैं
गलतियां ही सिखाती हैं
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
आर.एस. 'प्रीतम'
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
चांद ने सितारों से कहा,
चांद ने सितारों से कहा,
Radha jha
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
कृष्ण मलिक अम्बाला
हंसते ज़ख्म
हंसते ज़ख्म
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
Learn self-compassion
Learn self-compassion
पूर्वार्थ
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
देश की हिन्दी
देश की हिन्दी
surenderpal vaidya
शिव तेरा नाम
शिव तेरा नाम
Swami Ganganiya
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
हम सब मिलकर, ऐसे यह दिवाली मनाये
gurudeenverma198
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन
लक्ष्मी सिंह
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
जग की आद्या शक्ति हे ,माता तुम्हें प्रणाम( कुंडलिया )
Ravi Prakash
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
■ निकला नतीजा। फिर न कोई चाचा, न कोई भतीजा।
*Author प्रणय प्रभात*
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
Sanjay ' शून्य'
चले ससुराल पँहुचे हवालात
चले ससुराल पँहुचे हवालात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...