बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
क्योंकि मै प्रेम करता हु - क्योंकि तुम प्रेम करती हो
मेरे दिल से उसकी हर गलती माफ़ हो जाती है,
आप हाथो के लकीरों पर यकीन मत करना,
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
*गम को यूं हलक में पिया कर*
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*पास में अगर न पैसा 【कुंडलिया】*
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
पढ़ता भारतवर्ष है, गीता, वेद, पुराण
■ श्री राधाष्टमी पर्व की मंगलकामनाएं।।