Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो

ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
अपने चाहने वालों का बुरा हाल करते हो

सिसकियों की ज़बाँ कोई मुश्किलों की नहीं
तुम इसमे भी न समझने का सवाल करते हो

भूल जाते हो या फिर भूलने की अदाकारी
जो भी है ये जी का बड़ा जंजाल करते हो

कौन उठे बज़्म से तुम्हारी सब बैठे मदहोश
होश वालों को तुम बहुत बेहाल करते हो

यूँ है कि तुम गुम हो शख्सियत में अपनी
हर बात पे जो आंखें अपनी लाल करते हो

अजय मिश्र

Language: Hindi
1 Like · 52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
"बहुत से लोग
*Author प्रणय प्रभात*
बेटी की बिदाई ✍️✍️
बेटी की बिदाई ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मज़दूर
मज़दूर
Shekhar Chandra Mitra
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
अभिनेता बनना है
अभिनेता बनना है
Jitendra kumar
मनोहन
मनोहन
Seema gupta,Alwar
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
Neeraj Agarwal
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
बुनते हैं जो रात-दिन
बुनते हैं जो रात-दिन
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
"फिर"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम
प्रेम
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
इंसान जिंहें कहते
इंसान जिंहें कहते
Dr fauzia Naseem shad
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हजारों  रंग  दुनिया  में
हजारों रंग दुनिया में
shabina. Naaz
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
तेरी फ़ितरत, तेरी कुदरत
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
#लाश_पर_अभिलाष_की_बंसी_सुखद_कैसे_बजाएं?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
Loading...