Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2023 · 1 min read

उसको फिर उससा

उसको फिर उसका हासिल कहां मिले ।
भटके हुए रास्ते को मंज़िल कहां मिले ।।
पढ़ने का ख़ुद को आ जाए जो शऊर ।
उसको फिर उससा क़ाबिल कहां मिले ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
6 Likes · 70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तुम पर क्या लिखूँ ...
तुम पर क्या लिखूँ ...
Harminder Kaur
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
We all have our own unique paths,
We all have our own unique paths,
पूर्वार्थ
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – पंचवटी में प्रभु दर्शन – 04
Sadhavi Sonarkar
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सफल व्यक्ति
सफल व्यक्ति
Paras Nath Jha
"क्षमायाचना"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
3215.*पूर्णिका*
3215.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
हर सांझ तुम्हारे आने की आहट सुना करता था
Er. Sanjay Shrivastava
प्यार क्या है
प्यार क्या है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दीपावली
दीपावली
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ
कवि रमेशराज
महंगाई के इस दौर में भी
महंगाई के इस दौर में भी
Kailash singh
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
*Author प्रणय प्रभात*
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
आयी प्यारी तीज है,झूलें मिलकर साथ
Dr Archana Gupta
ग्लोबल वार्मिंग :चिंता का विषय
ग्लोबल वार्मिंग :चिंता का विषय
कवि अनिल कुमार पँचोली
आना ओ नोनी के दाई
आना ओ नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
छोड़ भगौने को चमचा, चल देगा उस दिन ।
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
हर परिवार है तंग
हर परिवार है तंग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
*नदियाँ पेड़ पहाड़ हैं, जीवन का आधार(कुंडलिया)*
*नदियाँ पेड़ पहाड़ हैं, जीवन का आधार(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
Loading...