“मधुर स्मृतियों में”
“मधुर स्मृतियों में”
बचपन की मधुर स्मृतियों में
डण्डा-गिल्ली ही सबसे मीठी,
ढूँढ़ने को तो बहुत ढूँढ़े हम
मगर कहीं ऐसी प्रीत न दिखी।
नहाना-खाना भूले सब कुछ
जैसे कोई मोहिनी सरीखे,
इसके सामने मिठाइयों की
मिठास पड़ जाते फीके।
“मधुर स्मृतियों में”
बचपन की मधुर स्मृतियों में
डण्डा-गिल्ली ही सबसे मीठी,
ढूँढ़ने को तो बहुत ढूँढ़े हम
मगर कहीं ऐसी प्रीत न दिखी।
नहाना-खाना भूले सब कुछ
जैसे कोई मोहिनी सरीखे,
इसके सामने मिठाइयों की
मिठास पड़ जाते फीके।