Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
*** सागर की लहरें....! ***
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये जो मीठी सी यादें हैं...
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी में कामयाबी ज़रूर मिलती है ,मगर जब आप सत्य राह चुने
तेरी आंखों में देखा तो पता चला...
देशभक्ति का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Patriotism)
मिट्टी का खिलौना न जाने कब टूट जायेगा,
Anamika Tiwari 'annpurna '
जो अच्छा लगे उसे अच्छा कहा जाये
भवप्रीता भवानी अरज सुनियौ...
*लिखी डायरी है जो मैंने, कभी नहीं छपवाना (गीत)*
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
हम बच्चों को जितने का आत्मविश्वास दे रहे है क्योंकि हम उनको