* मधुमास *
** मुक्तक **
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आ गया उत्सव बसंती ज्ञान दो मां शारदे।
जिन्दगी आलोक से भरपूर हो मां शारदे।
खूबसूरत खिलखिलाता हो गया वातावरण।
भक्तिमय शुभ भावना हर मन बसो मां शारदे।
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आ गया मधुमास लेकर पुष्प का उपहार।
खूब उमड़ा जा रहा है हर हृदय में प्यार।
अधखुली अखियां अनेकों देखती हैं स्वप्न।
आज सब पावन धरा पर हो रहे साकार।
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ऋतु बदलती जा रही सब कर रहे गुणगान।
गुनगुनाते अलि तितलियां कर रही रसपान।
जब बसंती रंग बिखरे जा रहे हर ओर।
और हर सुन्दर अधर पर खिल रही मुस्कान।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १५/०२/२०२४