Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2017 · 1 min read

बेटियां

सृष्टि में मानव जीवन का आधार बेटियां हैं।
मां बेटी बहन रूप में रब का उपहार बेटियां हैं।
मां बाप अतिथियों का करती सत्कार बेटियां हैं।
हाथ बटाती कामों में मददगार बेटियां हैं।
ममता लाड दुलार लुटाती प्यार बेटियां हैं।
कथा आरती पूजा व्रत करती साकार बेटियां हैं।
संस्कृति रीति रिवाज रखतीं बरकरार बेटियां हैं।
त्याग क्षमा दया धैर्य का आगार बेटियां हैं।
ईद दीवाली होली करती गुलजार बेटियां हैं।
गुड़िया राखी द्विज मनाती त्योहार बेटियां हैं।
सच कहूं तो इस धरती में संसार बेटियां हैं।
फिर भी सबको लगतीं गुनहगार बेटियां हैं।
क्यों नहीं समझते बेटों की तरह हकदार बेटियां हैं।

Language: Hindi
3 Likes · 814 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
*अज्ञानी की मन गण्ड़त*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ज़िंदगी इसमें
ज़िंदगी इसमें
Dr fauzia Naseem shad
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
*दोहा*
*दोहा*
Ravi Prakash
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
Acharya Rama Nand Mandal
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
*हर पल मौत का डर सताने लगा है*
Harminder Kaur
ऋतु परिवर्तन
ऋतु परिवर्तन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
National Energy Conservation Day
National Energy Conservation Day
Tushar Jagawat
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
Anil Mishra Prahari
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
जरा सी गलतफहमी पर
जरा सी गलतफहमी पर
Vishal babu (vishu)
दीवाना हूं मैं
दीवाना हूं मैं
Shekhar Chandra Mitra
कविता
कविता
Shiva Awasthi
प्रणय 9
प्रणय 9
Ankita Patel
💐प्रेम कौतुक-417💐
💐प्रेम कौतुक-417💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
माता की महिमा
माता की महिमा
SHAILESH MOHAN
के कितना बिगड़ गए हो तुम
के कितना बिगड़ गए हो तुम
Akash Yadav
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Sakshi Tripathi
खामोशी की आहट
खामोशी की आहट
Buddha Prakash
माँ की करते हम भक्ति,  माँ कि शक्ति अपार
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार
Anil chobisa
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
वह दौर भी चिट्ठियों का अजब था
श्याम सिंह बिष्ट
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
मेरे कलाधर
मेरे कलाधर
Dr.Pratibha Prakash
"स्मार्ट विलेज"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...