Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2023 · 2 min read

मित्रता:समाने शोभते प्रीति।

मित्रता:समाने शोभते प्रीति।
-आचार्य रामानंद मंडल।
आइ अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस हय। मित्रता पर विमर्श।
सभ से पहिले रामायणकालीन मित्रता पर।
प्रथम कथा के अनुसार मित्र केवट।ओहो दास भाव मे रहैत हतन आ मित्र राम के गोर धो के परिवार सहित पिवैत हतन। कोनो मित्रता के समान भाव न अपना के हमेशा निच मानैत हतन। मित्र राम के प्रभू मानैत रहलन।राम क्षत्रिय त केवट शूद्र रहलन।
मित्रता मे समान भाव के अभाव दिखैत हय।
दोसर कथा ।प्रसंग हय राम आ सुग्रीव के मित्रता पर।अइ मित्रता मे सुग्रीव के बड़ भाई बालि मारल जाइ हय। मित्रता के बुनियाद दुश्मन बड भाई बालि के हत्या।जे मित्र राम करैत हतन।बाद मे राम के पत्नी के खोज मे मित्र सुग्रीव सहायता करैत हतन। मित्र सुग्रीव मित्र राम के प्रभु से संबोधित करैत हतन।आ दास भाव मे रहैत हतन।बालि के मृत्यु के बाद हुनकर पत्नी अर्थात भौजी तारा से बिआह करैत हतन आ किष्किन्धाराज के राजा बनैत हतन। मित्रता मे समान भाव के अभाव परिलक्षित होइ हय।

महाभारतकालीन प्रथम कथा। सुदामा आ कृष्ण।मित्र ब्राह्मण सुदामा के मित्र यादव कृष्ण सिंहासन पर बैठावत हतन आ गोर धोएत हतन। कृष्ण के रानी सत्यभामा आ रूक्मिणी बेना हौंकैत हतन।

दोसर कथा मित्रता के एकटा मिशाल हय अंगराज कर्ण आ सुयोद्धन के मित्रता।शुद्र कर्ण के वीरता से प्रभावित होके अंगराज्य के राजा बना देल जाइत हय।आ मित्रता के बलिबेदी पर कर्ण अप्पन प्राण न्यौछावर कर देले हतन। मित्रता मे समान भाव दिखाई पड़ैय हय।
जौं वर्ण-व्यवस्था के अनुसार विमर्श कैल जाय त उच्च वर्ण के निम्न वर्ण गोर धोएत हतन।चाहे वो क्षत्रिय राम आ शुद्र केवट होय वा ब्राह्मण सुदामा आ यादव (शूद्र) कृष्ण। भगवान कृष्ण के सोल्हकन मानल जाइत हय। महाभारत के कैगो प्रसंग में हुनकर जाति के लेके मजाक उड़ायल गेल हय।कर्ण (अपग्रेडेड क्षत्रिय) आ सुयोद्धन दूनू क्षत्रिय।गोर धोय के कोनो प्रसंग न हय।
जौं भगवान आ भक्त के रूप मे विमर्श कैल जाय त भगवान राम आ भक्त केवट। भगवान राम बड़ आ भक्त केवट नीच दिखाई पड़ैय हय।भगवान कृष्ण आ भक्त सुदामा के रुप मे भगवान से बड़ा भक्त दिखाई पड़ैय हय। मित्र सुदामा मित्र कृष्ण के नजदीक नीच न दिखाई पडैय हय। कर्ण आ सुयोद्धन के बीच भगवान आ भक्त के कोई संबंध न हय । कोनो उच्च -नीच न हय।मित्रता के समान भाव दिखाई पड़ैय हय।
निष्कर्षत: राम आ केवट, कृष्ण आ सुदामा। भगवान आ मानव के बीच मित्रता हय। परंतु कर्ण आ सुयोद्धन के बीच मानव -मानव के मित्रता हय।
मित्रता मे समान भाव आवश्यक तत्व हय।
समाने शोभते प्रीति।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

Language: Maithili
Tag: लेख
2 Likes · 574 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
এটা আনন্দ
এটা আনন্দ
Otteri Selvakumar
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
मुझे चाहिए एक दिल
मुझे चाहिए एक दिल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शिक्षा
शिक्षा
Buddha Prakash
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
*मुख पर गजब पर्दा पड़ा है क्या करें【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
चाँद से बातचीत
चाँद से बातचीत
मनोज कर्ण
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
कब तक जीने के लिए कसमे खायें
पूर्वार्थ
इश्क़—ए—काशी
इश्क़—ए—काशी
Astuti Kumari
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
गाँव कुछ बीमार सा अब लग रहा है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Mukesh Kumar Sonkar
जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट,
जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
जिंदगी जीने के लिए जिंदा होना जरूरी है।
Aniruddh Pandey
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
#चप्पलचोर_जूताखोर
#चप्पलचोर_जूताखोर
*Author प्रणय प्रभात*
अनुसंधान
अनुसंधान
AJAY AMITABH SUMAN
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
बह रही थी जो हवा
बह रही थी जो हवा
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
तुम याद आए
तुम याद आए
Rashmi Sanjay
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
अनुराग दीक्षित
జయ శ్రీ రామ...
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
नज़राना
नज़राना
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...