Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 1 min read

साईकिल दिवस

विषय – साईकिल दिवस
साईकिल एक जिंदगी का मंथन है। स्वस्थ और शरीर के साथ चलती हैं। दो पहिए जीवन संतुलन बताते हैं। पैडल से हम रफ़्तार पंहुच की बनाते हैं। बस यही जीवन में साईकिल हमको कहती हैं। आज हम सभी साईकिल चलाते हैं। सच तो यही जननी दो पहिया साइकिल कहते हैं। यही साईकिल हम सभी को सदा भाती हैं। सच आओ हम सभी साईकिल चलाते हैं। जीवन के बचपन में लौट आते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र.

Language: Hindi
139 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
Ranjeet kumar patre
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
तुम और बिंदी
तुम और बिंदी
Awadhesh Singh
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
Mukul Koushik
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
4525.*पूर्णिका*
4525.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" इश्तिहार "
Dr. Kishan tandon kranti
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
Sonam Puneet Dubey
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
*तरबूज (बाल कविता)*
*तरबूज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
प्रेम अंधा होता है मां बाप नहीं
Manoj Mahato
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
मैं तेरे गले का हार बनना चाहता हूं
Keshav kishor Kumar
हर
हर "प्राण" है निलय छोड़ता
Atul "Krishn"
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
Shweta Soni
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
“मैं ठहरा हिन्दी माध्यम सा सरल ,
Neeraj kumar Soni
आंखें हमारी और दीदार आपका
आंखें हमारी और दीदार आपका
Surinder blackpen
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
आप जीवित इसलिए नही है की आपको एक दिन मरना है बल्कि आपको यह ज
आप जीवित इसलिए नही है की आपको एक दिन मरना है बल्कि आपको यह ज
Rj Anand Prajapati
Loading...