बुला रही है चिता..!
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मत कर चिंता बन्दे बुला रही है चिता तुझे!
मुक्ति मिलेगी तुझे- बुला रही है चिता तुझे!!१!!
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जब तक है जगत में तू! धर्म-कर्म करले तू!
चिता से मिलने से पहले काम पूरे करले तू!!२!!
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हरि को ना भूल- दूर होगी तेरी सारी चिंता!
कर्म कर अच्छा तू! मत कर फल की चिंता!!३!!
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बुला रही है चिता- मत कर बन्दे तू चिंता!
चिता से मुक्ति मिलेगी- मत कर तू चिंता!!४!!
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धर्मी हो या अधर्मी भेद ना करती ये चिता!
मानव की काया को भस्म करती ये चिता!!५!!
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‘हाॅं’ धर्मी मानव की रूह को मिलती मुक्ति!
पर अधर्मी की रूह को नहीं मिलती मुक्ति!!६!!
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हे मानव! माया-मोह के जाल से निकल तू!
चिता में भस्म के पूर्व धर्म-पथ पे निकल तू!!७!!
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एक दिन ये चिता- तेरा अस्तित्व मिटा देगी!
कुछ ऐसा काज करजा- दुनिया याद करेगी!!८!!
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:====:रचियता: प्रभुदयाल रानीवाल:====:
:=======: उज्जैन{मध्यप्रदेश}:=======:
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