“बाजार में”
“बाजार में”
नई सदी नए दौर के बाजार में
सब कुछ वस्तु है माल है,
कदर नहीं किसी को आज
मन और आत्मा की
अब हर जगह खड़े दलाल हैं।
“बाजार में”
नई सदी नए दौर के बाजार में
सब कुछ वस्तु है माल है,
कदर नहीं किसी को आज
मन और आत्मा की
अब हर जगह खड़े दलाल हैं।