Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2024 · 1 min read

“बाजार में”

“बाजार में”
नई सदी नए दौर के बाजार में
सब कुछ वस्तु है माल है,
कदर नहीं किसी को आज
मन और आत्मा की
अब हर जगह खड़े दलाल हैं।

2 Likes · 2 Comments · 81 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

इंसान फिर भी
इंसान फिर भी
Dr fauzia Naseem shad
वफा
वफा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तारे
तारे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
सफल हुए
सफल हुए
Koमल कुmari
कौशल्या माता
कौशल्या माता
Sudhir srivastava
मंत्र की ताकत
मंत्र की ताकत
Rakesh Bahanwal
माँ आज भी जिंदा हैं
माँ आज भी जिंदा हैं
Er.Navaneet R Shandily
4886.*पूर्णिका*
4886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
Neeraj Agarwal
जब साथ छूट जाता है,
जब साथ छूट जाता है,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
अब ठहरना चाहता हूँ, कुछ दिनों
Shreedhar
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
ओनिका सेतिया 'अनु '
धुप साया बन चुकी है...
धुप साया बन चुकी है...
Manisha Wandhare
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
नूरफातिमा खातून नूरी
खुद के वजूद को।
खुद के वजूद को।
Taj Mohammad
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
इमारतों में जो रहते हैं
इमारतों में जो रहते हैं
Chitra Bisht
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।
हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।
Kanchan Alok Malu
अनजान राहों का सफर
अनजान राहों का सफर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आपके
आपके "लाइक्स"
*प्रणय*
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
bandi tharun
रिश्तों की बेशक न हो, लम्बी-खड़ी कतार
रिश्तों की बेशक न हो, लम्बी-खड़ी कतार
RAMESH SHARMA
डारा-मिरी
डारा-मिरी
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...