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16 Feb 2024 · 1 min read

जब साथ छूट जाता है,

जब साथ छूट जाता है,
बिन बात के कोई रूठ जाता है।
रहता तो है वो दिल के आस पास ही,
रास्ता उसके दिल का, दूसरी ओर मुड़ जाता है।।

जाते जाते कितना कुछ छोड़ जाता है,
बातें प्रेम की कितनी आसानी से तोड़ देता है,
उमर भर साथ निभाने का वादा करता है,
एक पल में ही उस वादे को भूल जाता है,

क्या फ़ायदा इतनी मोहब्बत का,
जब भरोसा ही नहीं है किसी भी बात का,
रिश्ता कोई भी हो, विश्वास पर निर्भर करता है,
वरना ये रिश्ता हमेशा चर चर करता है,
सम्बंध बिना भरोसे के टूट फूट जाता है।

बरसों से सजाई प्यार की दौलत,
वो इन्सान कितनी जल्दी लूट जाता है।
रहता तो है वो दिल के आस पास ही,
रास्ता उसके दिल का, दूसरी ओर मुड़ जाता है।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

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