“बस्तर की बोलियाँ”
“बस्तर की बोलियाँ”
बस्तर में गूंजती छत्तीस बोलियाँ
जो होती जा रही विलुप्त,
हल्बी, गोण्डी, माड़ी, धुरवी, भतरी
अब भी है समृद्ध।
“बस्तर की बोलियाँ”
बस्तर में गूंजती छत्तीस बोलियाँ
जो होती जा रही विलुप्त,
हल्बी, गोण्डी, माड़ी, धुरवी, भतरी
अब भी है समृद्ध।