Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

अनुगामी

प्रेम होते ही अनुगामी हो जाना संभव नहीं,
हर बात में सहमत ही हो जाना संभव नहीं।

जीवन के तार सप्तक में जब सुर ही न लगे,
रुँधे कंठ से मधुर गीत गुनगुनाना संभव नहीं।

गुमनाम गलियों में कोई अदृश्य ही हो जाए,
उस गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाना संभव नहीं।

बंद हैं विवेक की किवाड और खिड़कियाँ,
ठंडी हवा के झोकों का आना संभव नहीं।

चेहरे पर छा जाएँ जब उदासी के साए,
ख़ूबसूरत सी तस्वीर बनवाना संभव नहीं।

डॉ दवीना अमर ठकराल ‘देविका’

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Dr Shweta sood
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**
*श्रद्धा विश्वास रूपेण**"श्रद्धा विश्वास रुपिणौ'"*
Shashi kala vyas
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
पं अंजू पांडेय अश्रु
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
manjula chauhan
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
दिल तो है बस नाम का ,सब-कुछ करे दिमाग।
Manoj Mahato
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
VINOD CHAUHAN
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
अधूरी मोहब्बत की कशिश में है...!!!!
Jyoti Khari
*यह दौर गजब का है*
*यह दौर गजब का है*
Harminder Kaur
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
Rj Anand Prajapati
खुशी पाने की जद्दोजहद
खुशी पाने की जद्दोजहद
डॉ० रोहित कौशिक
■ चाची 42प का उस्ताद।
■ चाची 42प का उस्ताद।
*प्रणय प्रभात*
अपने ही  में उलझती जा रही हूँ,
अपने ही में उलझती जा रही हूँ,
Davina Amar Thakral
2403.पूर्णिका
2403.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
दो शे'र - चार मिसरे
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (कुंडलिया)
Ravi Prakash
कैसा अजीब है
कैसा अजीब है
हिमांशु Kulshrestha
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Loading...