वसुधैव कुटुंबकम है, योग दिवस की थीम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बात उनकी क्या कहूँ...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
Pata to sabhi batate h , rasto ka,
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
Chehre se sundar nhi per,
सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
अपने दिल की कोई जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई