बस्तर का वैलेंटाइन
बस्तर की सांस्कृतिक विरासत
दुनिया में मशहूर,
प्यार के जहाँ पर इजहार होते
चकाचौंध से दूर।
बस्तर के हाट-बाजारों में दिखते
मोहब्बत की मुस्कान,
सजे-धजे सब चेलिक-मोटियारिनें
आते वहाँ तमाम।
बीरापान कंघी लुंगी लांदा सल्फी
देते परस्पर उपहार,
एक-दूजे को झूले पर झूलाते
दिल दुनिया निसार।
फिर मिल बैठकर परिजन सारे
कर देते उनके ब्याह,
खर्च सारा वर पक्ष ही उठाता
गूंज उठते वाह-वाह।
शहरी सभ्यता के सम्पर्क से अब
हो रहे कई बदलाव,
लेकिन मड़ई-मेले होते आज भी
एक महत्वपूर्ण पड़ाव।
(मेरी सप्तम काव्य-कृति : ‘सतरंगी बस्तर’ से)
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।