Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2021 · 1 min read

बरसात-सब धुल जाए

घनघोर बरसात
कड़कती बिजली
गरजते बादल
टपकती बूँदे
सब धो गयी
धुल गए
पेड़ पोधे
फ़ूल पत्ते
आम लटकते
पक्षी बहुतेरे
सूनी सड़कें
गलियाँ चोराहे
छत दीवारें
झूलती मिनारें
सूखते कपड़े
उदास चेहरे
मटमैले बच्चे
दाग़ पक्के
सब कुछ धुल गया
काश मन का मैल भी
यूँ ही धुल जाता
सृष्टि संग मन जीवन
खिल खिल जाता

रेखा ड्रोलिया
कोलकाता

1 Like · 4 Comments · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम
राम
Suraj Mehra
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
मीठा शहद बनाने वाली मधुमक्खी भी डंक मार सकती है इसीलिए होशिय
Tarun Singh Pawar
फेमस होने के खातिर ही ,
फेमस होने के खातिर ही ,
Rajesh vyas
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ सियासी बड़बोले...
■ सियासी बड़बोले...
*Author प्रणय प्रभात*
💫समय की वेदना💫
💫समय की वेदना💫
SPK Sachin Lodhi
हरे भरे खेत
हरे भरे खेत
जगदीश लववंशी
जन्म गाथा
जन्म गाथा
विजय कुमार अग्रवाल
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
मैं हर इक चीज़ फानी लिख रहा हूं
शाह फैसल मुजफ्फराबादी
23/44.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/44.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"शब्दों की सार्थकता"
Dr. Kishan tandon kranti
चित्र और चरित्र
चित्र और चरित्र
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
महाकाल भोले भंडारी|
महाकाल भोले भंडारी|
Vedha Singh
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
gurudeenverma198
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
कभी भी ऐसे व्यक्ति को,
Shubham Pandey (S P)
पड़े विनय को सीखना,
पड़े विनय को सीखना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
AVINASH (Avi...) MEHRA
इश्क़ और इंकलाब
इश्क़ और इंकलाब
Shekhar Chandra Mitra
मन खामोश है
मन खामोश है
Surinder blackpen
" शिक्षक "
Pushpraj Anant
हमारे हाथ से एक सबक:
हमारे हाथ से एक सबक:
पूर्वार्थ
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
ओनिका सेतिया 'अनु '
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
SURYA PRAKASH SHARMA
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...