“बदलता हुआ”
जिन्दगी में कुछ तय नहीं
सब कुछ बदलता हुआ
कल जो भाई थे
वही आज शत्रु है
कल जो मित्र थे
वो आज पीछे पड़े हैं
कभी साथ घूमने वाले
आज तलवार लिए हुए
हमारे सामने खड़े हैं
कल जो गुरू थे
आज उन्हीं से लड़ाई है
कल का सपाट मैदान
आज बन चुकी खाई है।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
भारत भूषण सम्मान प्राप्त 2022-23