Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2024 · 1 min read

बदनसीब का नसीब

सर, उस बच्ची को सुप्रीम कोर्ट के जज साहब ने गोद ली है। दोनों दम्पत्ति आए थे। सारी कार्यवाही पूरी करने के बाद शाम की फ्लाइट से उस अनाथ बच्ची को ले गए। उनके कोई बच्चे नहीं थे। बच्चे को पाकर पति-पत्नी दोनों बहुत खुश थे। ये सब संस्था की अधीक्षिका ने मुझे बताया।

मैं सोचता रहा- महीने भर पहले काँटों के बीच सुन्दर सा कपड़ों में लिपटी हुई वह नवजात बच्ची मिली थी। उसके कोमल अंग पर लिपटा हुआ कपड़ा गवाही दे रहा था कि किसी धनाड्य परिवार की महिला ने लोक-लाज के भय से उसे झाड़ियों में फेंक दिया था।

अब वही बच्ची शानदार बंगले में पलकर महंगे स्कूलों में पढ़ेगी। इसमें दो राय नहीं कि वह एक अच्छा मुकाम हासिल करेगी। सच में उस बदनसीब का नसीब ईश्वर ने बहुत सोच-समझकर ही लिखा होगा।

फिर दिल से आशीष निकला कि ईश्वर उसे सलामत रखे और वह आसमान की बुलन्दियों को छुए।

मेरे प्रकाशित लघुकथा संग्रह :
‘मन की आँखें (दलहा, भाग- 1) से,,,।
लघुकथाएँ “दलहा, भाग 1 से 8” में प्रकाशित हैं।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
सुदीर्घ एवं अप्रतिम साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
चुनाव
चुनाव
Mukesh Kumar Sonkar
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
पता पुष्प का दे रहे,
पता पुष्प का दे रहे,
sushil sarna
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
तुम याद आए
तुम याद आए
Rashmi Sanjay
Keep saying something, and keep writing something of yours!
Keep saying something, and keep writing something of yours!
DrLakshman Jha Parimal
हाँ मैं व्यस्त हूँ
हाँ मैं व्यस्त हूँ
Dinesh Gupta
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
बाँकी अछि हमर दूधक कर्ज / मातृभाषा दिवश पर हमर एक गाेट कविता
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
अब किसी की याद नहीं आती
अब किसी की याद नहीं आती
Harminder Kaur
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
जनता हर पल बेचैन
जनता हर पल बेचैन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
শহরের মেঘ শহরেই মরে যায়
Rejaul Karim
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
ताजन हजार
ताजन हजार
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
ग्रीष्म ऋतु भाग ३
Vishnu Prasad 'panchotiya'
दोस्ती से हमसफ़र
दोस्ती से हमसफ़र
Seema gupta,Alwar
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
पापा की तो बस यही परिभाषा हैं
Dr Manju Saini
🌿 Brain thinking ⚘️
🌿 Brain thinking ⚘️
Ms.Ankit Halke jha
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
राष्ट्र-हितैषी के रूप में
राष्ट्र-हितैषी के रूप में
*Author प्रणय प्रभात*
गोवर्धन गिरधारी, प्रभु रक्षा करो हमारी।
गोवर्धन गिरधारी, प्रभु रक्षा करो हमारी।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
इस दुनियां में अलग अलग लोगों का बसेरा है,
Mansi Tripathi
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
बेटी और प्रकृति
बेटी और प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Sukoon
Loading...