*बता दे आज मुझे सरकार*
तड़प रहा है कोई दर्द से, कहीं पे चीख पुकार।
बता दे आज मुझे सरकार—
गाय गौमूत्र धर्मवाद से, छुआछूत और जातिवाद से,
क्यों बनाते अपना शिकार।
बता दे आज मुझे सरकार।।१।।
जो मेहनत करके ही खाते, रोते बिलखते मैला उठाते,
क्यों खाते ये फटकार।
बता दे आज मुझे सरकार।।२।।
चोर उचक्के खुले घूमते, सरेआम ही होंठ चूमते,
वर्दी का भी ध्यान कहांँ यूं होते बलात्कार।
बता दे आज मुझे सरकार।।३।।कर लूट खसोट और रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार करें भरें तिजोरी,
सजा क्यों नहीं अपराधी को देते थानेदार।
बता दे आज मुझे सरकार।।४।।
यह नीच है ये है ऊंँचा, भेदभाव कर करें फजीता,
अनपढ़ की बात नहीं छोड़ो पढ़ा लिखा बना गंवार।
बता दे आज मुझे सरकार।।५।।
हर विभाग में जाकर देखो, अपना दर्द सुनाकर देखो,
जो लाइन में वही आज तक खाते धक्का मार।
बता दे आज मुझे सरकार।।६।।
जितने ऊँचे बैठे आसन, उतना भ्रष्ट है सिंहासन,
नाक काढ़कर बोलें वो ही जिनके दामन में दाग।
बता दे आज मेरे सरकार।।७।।
कोई परीक्षा सेफ नहीं है, गिनों चुनों को रोक नहीं है,
इंसानियत भूल चुके हैं कहता दुष्यन्त कुमार।
बता दे आज मुझे सरकार।।८।।
तड़प रहा है कोई दर्द से, कहीं पे चीख पुकार।
बता दे आज मुझे सरकार।।