बताये किसे
सनम हम से रूठ के गयी
दिल का हाल बताये किसे,
दिल के फूल में महक नही,
खुश्बू न आई बताये किसे,
वो इश्क की बाजी जीते हुए,
मैं जान के हारा बताऊं किसे,
गम ने हमको लाखो में चुना,
दर्द की खुशी दिखाऊं किसे,
वो जहर जो दिल मे घोल गयी,
जहर जो निकले बुलाऊँ किसे,
गम की भट्टी में तन्हा के शोले,
जले हुए जिस्म दिखाऊं किसे,
जब जिस्म ही सारा जलता है,
कोई आग बुझाये बुलाऊँ किसे,
कोई ख्वाब नही तो बताये क्या,
टूटे हुए ख्वाब में सजाऊँ किसे,
जब सीने में दिल मेरे रहा नही,
बिना दिल के मै अपनाउं किसे,