Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2020 · 1 min read

पड़ गई कलेजे ठंड

****** पड़ गई कलेजे ठंड *******
****************************

पटाखों पर खर्च हो गया है सारा फंड
बीत गई दीवाली पड़ गई कलेजे ठंड

उजालों से अंधेरों का हो गया खात्मा
द्वार पर लग गए कूड़ों के ढ़ेर और खंड

आसमान में छाये हुए हैं धूँए के बादल
प्रदूषित हो गया वातावरण बहुत प्रचंड

जेब पर लग गए खर्चों के अपार भंडार
हो गई हैं खाली जेबें हो गई हैं पूर्ण झंड

अमीरों की दीवाली पर हुई बल्ले बल्ले
गरीबों के लिए दीवाली सिद्ध हुई दंड

मय के नशे में थे झूमते संग संग शवाब
कबाब खूब खाते रहे बाते जैसे सचखंड

मनसीरत उपासना अर्चना हो गई पूर्ण
माँ लक्ष्मी दृष्टि रखे स्थिति ना हो उदंड
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 398 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#चाकलेटडे
#चाकलेटडे
सत्य कुमार प्रेमी
# महुआ के फूल ......
# महुआ के फूल ......
Chinta netam " मन "
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
*रिश्तों को जिंदा रखना है, तो संवाद जरूरी है【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
'I love the town, where I grew..'
'I love the town, where I grew..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
संकल्प
संकल्प
Naushaba Suriya
चाहते नहीं अब जिंदगी को, करना दुःखी नहीं हरगिज
चाहते नहीं अब जिंदगी को, करना दुःखी नहीं हरगिज
gurudeenverma198
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
ग्रीष्मकाल के दौर में
ग्रीष्मकाल के दौर में
*Author प्रणय प्रभात*
"मशवरा"
Dr. Kishan tandon kranti
Drapetomania
Drapetomania
Vedha Singh
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
भाई दोज
भाई दोज
Ram Krishan Rastogi
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
manjula chauhan
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
2711.*पूर्णिका*
2711.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
Shashi kala vyas
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-388💐
💐प्रेम कौतुक-388💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पत्नी के जन्मदिन पर....
पत्नी के जन्मदिन पर....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नया सपना
नया सपना
Kanchan Khanna
Loading...