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7 Apr 2022 · 1 min read

# महुआ के फूल ……

# महुआ के फूल ……

आदिवासियों का ,
है ये जीवन मूल
खिलने लगे हैं ,
अब महुआ के फूल …!

तपिश बड़ी ,
झुलसाती
नहीं कहीं ,
कोई छईआं…!

इस मौसम ,
टप – टप
टप – टप ,
टपके महुआ …!

रस भरे ,
मद भरे हैं
ये फूल ,
बड़ा ही नशीला …!

गदराया है ,
इसका बदन
ये दिखता ,
बड़ा ही गदीला …!

मयखाने की
ये शहजादी ,
मधुशाला की
मदमस्त जवानी …!

बढ़ती इसकी ,
बेहद खूबसूरती
मिलता जब इसमें ,
बर्फीला पानी ….!

होंटो से लगाते,
रस तेरे मद भरे
कोई यहां पड़े ,
कोई वहां पड़े …!

गरीबों का सुकून ,
अमीरों का जुनून
सर पर चढ़ी तो ,
सब अंधा कानून …!

बनाने वाले ने तो ,
बना दिया इसे
किसने बदनाम किया ,
दोष दे किसे …!

देखें तुझे जी ललचाए ,
क्या राजा और फकीरा
मादकता भरे तेरे हुस्न,
बनती तू है मंदिरा …!

टप-टप टपके महुआ ,
ये फूल बड़ा ही नशीला
आग लगे तन-मन में ,
बन के उतरे जब मदिरा …!

आदिवासियों का ,
है ये जीवन मूल
खिलने लगे हैं ,
अब महुआ के फूल …!

चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छ.ग.)

Language: Hindi
1 Like · 427 Views
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