Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2023 · 1 min read

औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;

औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
इसलिए जब भी लिखते है,
जज़्बात बन जाते है।

1 Like · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मेरी  हर इक शाम उम्मीदों में गुजर जाती है।। की आएंगे किस रोज
मेरी हर इक शाम उम्मीदों में गुजर जाती है।। की आएंगे किस रोज
★ IPS KAMAL THAKUR ★
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
इश्क़ का कुछ अलग ही फितूर था हम पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एकांत
एकांत
Monika Verma
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
तितली के तेरे पंख
तितली के तेरे पंख
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
आई होली झूम के
आई होली झूम के
जगदीश लववंशी
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
3022.*पूर्णिका*
3022.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो..
कवि दीपक बवेजा
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Neeraj Agarwal
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
Rajni kapoor
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
*
*"ममता"* पार्ट-3
Radhakishan R. Mundhra
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
पूर्वार्थ
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
Red is red
Red is red
Dr. Vaishali Verma
हद
हद
Ajay Mishra
Loading...